ड्रोन तकनीक से बदलेगी खेती की तस्वीर! - किसान सभा कार्यक्रम में किसानों को दी गई आधुनिक कृषि की जानकारी कृषि संकल्प अभियान के तहत ।
लेखक: PrinshiTech Team
स्त्रोत- किसान संगवरी ग्रुप डोंगरगढ़
आज के समय में खेती सिर्फ मेहनत का ही नहीं, तकनीक का भी खेल बन चुका है। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़, राजनांदगांव जिले में आयोजित "किसान सभा कार्यक्रम" में किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी देकर उन्हें आत्मनिर्भर और स्मार्ट बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया।
ड्रोन के जरिए खेतों में खाद्य का छिड़काव - एक नई शुरुआत
इस विशेष शिविर का आयोजन कृषि विभाग डोंगरगढ़, राजनांदगांव द्वारा किया गया, जिसमें किसानों को बताया गया कि अब वे ड्रोन की मदद से अपने खेतों में खाद्य और कीटनाशक का छिड़काव आसानी से कर सकते हैं। यह तकनीक समय और श्रम दोनों की बचत करती है, साथ ही छिड़काव भी ज्यादा समान और प्रभावशाली होता है।
क्या है यह नैनो यूरिया?
कार्यक्रम में नैनो यूरिया के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया गया। किसानों को बताया गया कि:
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नैनो यूरिया पारंपरिक यूरिया की तुलना में कम मात्रा में अधिक असर करता है।
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यह फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बढ़ाता है।
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पर्यावरण के लिए भी यह सुरक्षित विकल्प है।
ड्रोन तकनीक के लाभ
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कम समय में ज्यादा काम: एक एकड़ जमीन पर ड्रोन मात्र 7-10 मिनट में छिड़काव कर सकता है।
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श्रम की बचत: किसान को खेत में घुसने की ज़रूरत नहीं, जिससे थकान कम होती है।
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समान छिड़काव: ड्रोन से खाद या दवा पूरे खेत में एकसमान पहुंचती है।
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कम लागत: लंबे समय में यह तकनीक आर्थिक रूप से लाभदायक साबित होती है।
किसानों में दिखा उत्साह
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। उन्होंने ड्रोन का डेमो देखा और कृषि वैज्ञानिकों से सवाल पूछे। कृषि अधिकारियों ने उन्हें ड्रोन ऑपरेशन, नैनो यूरिया का सही उपयोग, और कृषि में अन्य उन्नत तकनीकों की जानकारी दी।
PrinshiTech की सलाह
अगर आप किसान हैं और अपनी खेती को आधुनिक बनाना चाहते हैं, तो इस तरह के प्रशिक्षण शिविरों का लाभ ज़रूर उठाएं। यह समय है स्मार्ट किसान बनने का, जो मेहनत के साथ-साथ तकनीक को भी अपनाता है।
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